Binary Language क्या है, बाइनरी भाषा कैसे सीखें, प्रकार,2024
आज हम Article की मदद से जानेंगे Binary Language Kya Hai और Binary Language Kaise Sikhe.
इसके साथ ही हम आपको Binary Language से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे. जैसे कि: Binary Language Kya Hoti Hai, Binary Code Kitne Prakaar Ke Hote Hain इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे.
Binary Language Kya Hai
Number Biased Language को हम Binary Language कहते है. यह Language 0 और 1 के from में होती है. जिसमें किसी भी Data या File, Instruction को 0 और 1 की Form में दर्शाया जाता है. 0 और 1 का उपयोग करके किसी भी Instruction का एक Pattern तैयार किया जाता है.
0 और 1 से तैयार Pattern को Bits कहा जाता है. इनका Extension 2bits, 8bits, 4bits, 8bits, 16bits, 32bit आदि होता है. Binary Language में कोई भी Instruction, Text, Data या File का नाम 0 और 1 दिया जाता है. इस Language को Machine को इंसानों की बातें समझाने के लिए किया जाता है.
Binary Language Kaise Sikhe
बाइनरी Language सीखने के लिए आप You Tube या इंटरनेट पर मौजूद Websites की मदद ले सकते हैं. यहाँ आपको Binary Language से संबंधित कई कोर्स मिल सकते हैं. जिन्हें आप घर बैठे आसानी से सीख सकते हैं.
Binary Language Kya Hoti Hai
Binary वह Language है जो किसी Computer में Software और Hardware के बीच Interpretation का काम करती है. क्योंकि कंप्यूटर Machine के लिए Programing Code Readable नहीं होते है. इसलिए Binary Language का उपयोग किया जाता है. Binary Language में जो नंबर लिखे जाते हैं. वह 0 और 1 के Format में होते है.
इन्हीं नंबरों को मिलाकर कंप्यूटर भाषा बनती है. क्योंकि Computer केवल 0 और 1 को समझता है. Binary Language 0 और 1 के Format में होती है. यह किसी Instruction, Text, Data को Bits के Pattern Form में Convert करने का काम करती है.
यह सिर्फ 0 और 1 Numeric का इस्तेमाल करते हैं. Computer Program Code को Binary Language 0 और 1 की Form में Convert करता है. Convert होने के बाद यह Machine को Work के लिए Instruction देता है. यह Instruction किसी भी Task को Perform करने के लिए दिया जाता है.
Binary Code Kitne Prakaar Ke Hote Hain
1. Weighted Codes: यह ऐसे Codes होते हैं, जिसमें हर एक Number अपने Specific Weight को दर्शाता है. इसमें केवल Decimal Digits 0 से 9 शामिल होते है.
2. Non-Weighted Codes: इसमें किसी भी Number का कोई भी Specific Weight Assigned नहीं होता है.
3. Binary Coded Decimal Codes: इसे 4-Bits Binary Number से Represent किया जाता है. इसमें Binary और Decimal Number दोनों शामिल होते हैं.
4. Alphanumeric Codes: इसमें किसी Code को Represent करने के लिए सिर्फ Numbers का होना काफी नहीं होता है. इस तरह के Code में Alphanumeric Code का उपयोग करते है. इसमें Codes को Alphabet और Number दोनों को मिलाकर Data Represent किया जाता है.
5. Error Codes: यह ऐसे Codes होते हैं, जिनका काम Error Detection और Correction का होता है.
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